अमौली में श्री कृष्ण जन्माष्टमी की धूम: फूलों की होली और माखन चोरी की मनमोहक रासलीला ने बांधा समां
अमौली, फतेहपुर, 21 अगस्त 2025: श्री कृष्ण जन्माष्टमी के पावन अवसर पर अमौली में आयोजित रासलीला के छठे दिन श्री निम्बार्क रासलीला मंडल ने फूलों की होली और माखन चोरी की मनमोहक लीला का ऐसा मंचन किया कि भक्तों का मन भगवान श्री कृष्ण की भक्ति में सराबोर हो गया। यह आयोजन न केवल धार्मिक उत्साह का प्रतीक बना, बल्कि सांस्कृतिक और सामाजिक एकता का भी अनुपम उदाहरण प्रस्तुत किया।
**फूलों की होली: रंगों और भक्ति का संगम**
रासलीला के मंच पर जैसे ही फूलों की होली की लीला शुरू हुई, वातावरण में भक्ति और उल्लास का अनोखा संगम देखने को मिला। श्री निम्बार्क रासलीला मंडल के कलाकारों ने भगवान श्री कृष्ण और राधा रानी के बीच फूलों की होली को इस तरह जीवंत किया कि दर्शक ब्रज की गलियों में खो गए। रंग-बिरंगे फूलों की बारिश के बीच कलाकारों ने नृत्य और संगीत के साथ ऐसी मादक प्रस्तुति दी कि हर भक्त की आंखें आनंद से चमक उठीं। फूलों की सुगंध और भक्ति भरे भजनों ने माहौल को और भी रसमय बना दिया।
**माखन चोरी: नटखट कान्हा की बाल लीलाएं**
रासलीला का दूसरा आकर्षण रहा माखन चोरी की लीला, जिसमें नटखट कान्हा की बाल लीलाओं को बड़ी ही खूबसूरती से दर्शाया गया। माखन के मटके चुराने और ग्वाल-बालों के साथ शरारत करने वाले श्री कृष्ण के किरदार को कलाकारों ने इतने स्वाभाविक ढंग से जीवंत किया कि दर्शकों को लगा जैसे वे गोकुल की गलियों में स्वयं कान्हा के दर्शन कर रहे हों। माखन चोरी की इस लीला में हास्य, भक्ति और भगवान की नटखट छवि का ऐसा मिश्रण था कि दर्शक तालियों और जयकारों के साथ झूम उठे।
**कलाकारों और आयोजकों की मेहनत रंग लाई**
श्री निम्बार्क रासलीला मंडल के कलाकारों ने अपनी कला का उत्कृष्ट प्रदर्शन कर दर्शकों का दिल जीत लिया। आयोजन में लक्ष्मी तिवारी, रवि तिवारी और राज कुमार तिवारी जैसे प्रमुख सदस्यों की उपस्थिति ने कार्यक्रम में चार चांद लगा दिए। आयोजकों रमेश गुप्ता, अनिल गुप्ता, सौरभ गुप्ता और शुभम गुप्ता की अथक मेहनत और समर्पण ने इस आयोजन को भव्य और अविस्मरणीय बना दिया।
**भक्तों का उत्साह और सामाजिक एकता**
अमौली के स्थानीय निवासियों और दूर-दराज से आए भक्तों की भारी भीड़ ने इस रासलीला को उत्साहपूर्वक देखा। बच्चे, युवा और बुजुर्ग सभी भगवान श्री कृष्ण की लीलाओं में डूबे नजर आए। यह आयोजन केवल धार्मिक उत्सव तक सीमित नहीं रहा, बल्कि इसने सामाजिक और सांस्कृतिक एकता को भी मजबूत किया। भक्तों ने एक-दूसरे के साथ भक्ति और उत्साह साझा करते हुए इस पावन अवसर का आनंद लिया।
अमौली का अविस्मरणीय जन्माष्टमी उत्सव
यह रासलीला अमौली के लिए जन्माष्टमी उत्सव का एक अविस्मरणीय हिस्सा बन गई। फूलों की होली और माखन चोरी की लीलाओं ने न केवल भक्तों के मन को मोह लिया, बल्कि श्री कृष्ण की भक्ति को और गहरा करने का कार्य भी किया। यह आयोजन अमौली के सांस्कृतिक इतिहास में एक स्वर्णिम पृष्ठ के रूप में दर्ज हो गया है, जिसे आने वाली पीढ़ियां भी याद रखेंगी।
स्थानीय निवासी रमेश चंद्र ने कहा, "यह रासलीला हमारे लिए सिर्फ एक आयोजन नहीं, बल्कि भगवान श्री कृष्ण के प्रति हमारी आस्था और प्रेम का प्रतीक है।" इस तरह का आयोजन भविष्य में भी अमौली की सांस्कृतिक और धार्मिक विरासत को और समृद्ध करेगा।